हुआ करतें थे हमसाया वही अब दूर बैठें है ! बने किसी और की आंखों के अब वो नूर बैठें है ! जो कहते थे गंवारा एकपल तुमबिन नही साथी , वफ़ा ठुकरा मेरी किसी और संग मगरूर बैठें है !!
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