1)हौसला जब पीर को हमने बनाया।
फूल पत्थर में खिलाकर जग हँसाया।
2)शक्ति हो बाहों में तो दुनिया तुम्हारी
सूत्र हमको जिंदगी ने यह सिखाया !
3)कौन अपना और पराया जिंदगी में
मुफलिसी ने हमको आकर है बताया !
4)आफतों को गालियाँ दो इस तरह न
इसने ही हमको तपा कुंदन बनाया !
5)पथ के शूल पे चला होकर जो अविचल
आसमा कदमों तले उसने झुकाया !
6)सत्य का करता सदा जो अनुसरण है
वह सदा रहता अकेला हमने पाया!
7)सम रहा जो दुःख व सुख की स्थिति में
बस उसे ही जिंदगी हरक्षण है भाया !!
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मापनी : 2122 2122 2122
काफ़िया : आया ,
रदीफ़ : बिना रदीफ़ के
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