नाहक चिंता क्यों करता है विश्राम का ! कर्म कर बंदे न सोंच तू अंजाम का ! कुछ ऐसा कर कि जमाना याद रखे तुझे, आखिर में आना है एक दिन आराम का !!
सुनिल शर्मा"नील"
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