मेरे गुण अवगुण संग मुझको दिल से अंगीकार करे ! साथ रहे जो हर सुख-दुख में,साए सा व्यवहार करें ! हाथ पकड़कर सम्बल दे जो,जब मैं गिरने लग जाऊँ अंतिम पथ तक साथ चले जो,वह ही मुझसे प्यार करे !! 16-14
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