घोर अंधेरी रात है बीती सुबह सुनहरी आई है ! कश्मीर में तीन सौ सत्तर की पट गई देखो खाई है ! गंध छंटी है बारूदी जो जमी थी केसर क्यारी में, बहुत दिनों के बाद पुनः भारत माता मुस्काई है !!
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