राजदरबारों के कभी प्रशस्ति गान नही लिखूंगा ! कलम से जयचंदों का सम्मान नही लिखूंगा ! चाहे चुनवा दिया जाऊं सच को सदा सच लिखूंगा मैं, भूलकर भी अकबर को मैं महान नही लिखूंगा!!
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