वादा करके कोई अपना मुकर गया आज फिर ! इन आंखों को समंदर वो कर गया आज फिर ! मिन्नतें लाख की हमने उनसे मुहब्बत की खातिर , अफ़सोस सपनों का महल बिखर गया आज फिर !!
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