फूल भी अब "खार" में बदलने लगा है इन दिनों ! "प्यार" भी अब व्यापार लगने लगा है इन दिनों ! नकली मुस्कान,नकली खुशी,नकली अपनापन, सिर्फ दिखावे का चलन चलने लगा है इन दिनों !!
कवि सुनिल शर्मा"नील" 7828927284
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