वतन के दीपक में कर्तव्य का तेल डाला करतें है ! जिनके दमपर हम कल की उम्मीदें पाला करतें है ! आहुति देतें है अपनी खुशियों का जो हमारे लिए , जलाएँ एक दीप उनके लिए जो देश उजाला करतें है!
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