नील के सजल-6
विधा-सजल
मात्राभार-20
समांत-अड़ा
पदान्त-है
*-मात्रापतन
इधर यह अड़ा है ,उधर वह अड़ा है 20
ये*निर्णय करे कौन, कितना बड़ा है 20
दोनों के हैं तर्क दावे कई हैं 20
संघर्ष मंदिर-मस्जिद पे कड़ा है 20
आती है लज्जा स्वयं आज हमको 20
स्वयं राम अपराधी* बनकर खड़ा है। 20
शुभंकर सभी चिन्ह करते प्रमाणित 20
मंदिर ही था जो कि नीचे गड़ा है 20
ये मन्दिर नही आम, है जन्मभूमि 20
वो* क्यों पूछते हैं यहां क्या जड़ा है। 20
नक्शे को यूँ फाड़ना क्या दिखाये 20
झूठ का* निश्चित ही फूटता घड़ा है!! 20
कवि सुनिल "नील"
7828927284
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छत्तीसगढ़)
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