समय विकट आया बादल दुःखों का छाया
चहुँओर दिख रहे, मौत के निशान है!
मौत के निशान है जी, पथ हुए सुनसान
कोरोना के चोंट से हुए लहूलुहान है!
हुए लहूलुहान है, दिखे न कोई उपाय
इस महामारी का न कोई समाधान है!
कोई समाधान है जी मानव ने मानी हार
अब एकमात्र आस आप भगवान है!!
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