मोर पंख
मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020
तुझे मैं जान से बढ़कर स्वयं से,,,
नही जब बात हो पाती कभी तुमसे मैं डरता हूँ !
तुझे मैं खो न दूँ यह सोंचकर सावन सा झरता हूँ !
मुझे जीना सिखाकर हाथ मेरा छोड़
ना देना,
तुझे मैं जान से बढ़कर स्वयं से प्यार
करता हूँ !!
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