एक मामलें में मौन,दूसरे में बोलतें है
रोतें है वहाँ पे जहाँ दिखे इन्हें वोंट है!
दर्द हाथरस वाला दिखता इन्हें परंतु
करौली के न दिख रहें कोई इन्हें चोंट है!
दोहरेपन वाली जाने कैसी ये सियासत है
जिसमें स्वार्थ का ये कर रहें विस्फोट है!
आप न बताये पर देश ये समझता है
आपके चरित्र में नेताजी बड़ा खोट है!!
सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
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