बिताए संग जो पल थे,उन्हें अक्सर सँजोती हूँ ! तेरी जब याद आती है,मैं पलकों को भिगोती हूँ ! मेरी साँसों में,मेरी रूह में ऐसा बसा है तू , तू तब भी जागता है मुझमें जब रातों को सोती हूँ !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें