अंक
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जबसे गोरी लग गई,आकर मेरे अंक
मैं अमीर तबसे हुआ,रहा नही अब रंक!
कंक
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रखना मन में धैर्य को,जैसे रखता कंक
कार्य सिद्ध होंगे तेरे,निश्चित और निशंक
पंक
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जो मन में रखते सदा,ईर्ष्या का है पंक
उनसे दूरी ही भली,जाने कब दे डंक!!
सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया
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