जय बागेश्वर सरकार
एक ही अकेला सबसे है लड़ता
हिंदुओ के हित दानवों से भीड़ता
सीताराम हनुमान जाप करता
पीर रामभक्तों के नित्य हरता
तेज मुखड़े पे शौर्य है ललाट पे
चमके है सूर्य जैसे शैलराट पे
हिन्दुशेर जब कभी भी गर्जना करे
वामियों के दल का ये साहस हरे
देशभक्ति भाव वाणी से जगा रहा
देश के बिधर्मियों को है कँपा रहा
जय-जय ऐसे कर्ता व काम की
जय जय श्री बागेश्वरधाम की ||
क्रमशः....
कवि सुनिल शर्मा नील
छत्तीसगढ़
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