मोर पंख
शनिवार, 30 जनवरी 2021
तिरँगा(रोला -४)
*तिरंगा*
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खा भारत के अन्न, देश के गुन ना गावै |
दाई ला दुत्कार, पड़ोसी ला सहरावै |
अइसन सब गद्दार, देश बर बोझा आवय |
खेदव उनला आज,तिरंगा जे नइ भावय ||
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सुनिल शर्मा"नील"
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