मोर पंख
शनिवार, 16 जनवरी 2021
लइका के अंतस(उल्लाला-12)
*लइका के अंतस*
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कभू फूल के डोहरू, निरदय बन मत टोरबे |
लइका के अंतस कभू, जहर कभू झन घोरबे ||
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सुनिल शर्मा"नील"
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