गर्व न आता काम
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उस 'गोवर्धन-गिरधारी' ने
हमको यह सिखलाया है
गर्व न आता काम कभी
इसने सिर सदा झुकाया है
हो बलिष्ठ कितना संकट
एक दिन हार ही जाएगा
प्रेम के आगे नफरत कब
जीता है जो जीत जाएगा|
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📝सुनिल शर्मा 'नील'
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
CR
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