इतिहास आदरेय है बड़ा ये मानो किन्तु
जैसे का तैसा न उसे कभी भी स्वीकारिये |
मान के आदर्श धर्मराज को न खेल द्युत
भाईयों के संग निज नार को न हारिये |
दृष्टांत द्रौपदी को मान कन्या ब्याह करे
होगा क्या उचित वर्तमान में विचारिये |
करके अतीत का मूल्यांकन चुनिए मार्ग
भूल क्या-क्या हमसे हुई थी वो सुधारिये ||
सुनिल शर्मा नील
4/6/2022
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