भले ही खाक हो जाए ये मिट्टी का बदन अपना ! कभी उजड़े नही लेकिन ये सुंदर सा चमन अपना ! न जाति और न मजहब न कोई प्रांत पहले हो , सदा ही सबसे ऊपर हम रखे प्यारा वतन अपना!!
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