आलिंगन कर पीड़ा पाई हमने हरदम खंजर की अमन के बदले मिली वेदना कारगिलों के मंजर की क्यों शान्ति की पुनः अपेक्षा आतंकवाद के पोषक से जिसका सिर्फ हरा झंडा पर फितरत है बंजर की|
सुनिल शर्मा ""नील"" थानखम्हरिया,बेमेतरा 7828927284 01/12/2015 CR
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