मोर पंख
शनिवार, 24 अक्टूबर 2015
मुक्तक
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 हर सीपी अंदर कोई मोती होगा तुझमें भी कोई फन छुपा होगा ढूँढ़ अंदर और पहचान खुद को बेवजह तो मानुष तन न मिला होगा| 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 📝सुनिल शर्मा नील थान खम्हरिया,बेमेतरा 7828927284
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