जय गणेश देवा
कहे नील कविराय
कुंडलिया 1
वंदन करता दास यह, सुनो नाथ गणराज
वर देना इस नील को, पूरन हो सब काज
पूरन हो सब काज, विघ्न कोई मत आये
सृजन कराओ आप, ह्रदय जो सबके भाये
पहला मेरा प्रयास, महक जाए जस चंदन
करो कृपा हे वीर, करूँ मैं सादर वंदन
सुनिल शर्मा नील
गुवारा, थान खाम्हरिया(छत्तीसगढ़ )
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