मत रंग रँगों तुम, इन्हें मजहबी ,इनको शाला, रहने दो |
पावन पुनीत है, विद्यालय ये, यहाँ उजाला,
रहने दो |
मत इन्हें सिखाओ, कलुषित होना, नदिया कलकल, बहने दो |
नफरत मत बाँटो, मत तुम काटो, इनको निश्छल रहने दो ||
सुनिल शर्मा "नील"
थानखम्हरिया(छत्तीसगढ़)
8839740208
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