त्रिभंगी छंद
प्रयास-1
विषय- मीठा बोलव
मीठा सब बोलव, अंतस खोलव, बैर भाव ला,त्यागव रे |
तारव ये चोला, जप लौ भोला, सोवव झन अब जागव रे |
दू दिन जिनगानी, हवय परानी, मया पिरित ला,बाँटव रे |
सब अपन डाँड़ ला, सदा बढ़ावव, दूसर के झन काटव रे ||
सुनिल शर्मा "नील"
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