करे जो न्याय सबके साथ वह कानून तो दे दो ! मिटाए रूह की जो प्यास वह मानसून तो दे दो ! गई सरकार कितनी भूख यह लेकिन न मिट पाई, जरा इन ताकती आंखों को रोटी 2 जून तो दे दो !!
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