रीत है ये मीत मेरे,बिछड़ना पड़ रहा
पर तुम्हे दिल से,कभी न भूल पाएंगे !
ढाबों के वो चाय और मस्तियों के पल सारे
रह-रह कर हमें,बहुत सतायेंगे !
शिखर पे नाम हो जी आपका ये प्रार्थना है
इस हेतु हम भगवान को मनाएंगे ,
जा रहे हो छोड पर,दुआओं में याद रखें
बस यही गीत हम बार बार गाएँगे !!
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