वागीश्वरी सवैया
प्रयास-पहिली
हरौं दीयना मैं हरै तेल ओहा मया डोर मा हे बंँधे ये नता |
उही मोर आशा उही मोर साँसा उही मोर मुस्कान के ये पता |
लगै ना कुछू काम मा मोर जी हा करौ का समाधान देवौ बता |
रिसाये हवै फूलकैना सुबे ले भला मोर ले होय हे का खता ||
सुनिल शर्मा 'नील'
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