मत्तगयन्द सवैया
प्रयास-1
विषय-परमारथ
पीयय ना जल ला नदिया अपने फल रूख कभू नइ खावै |
सूरज रोज उवै तबले गुनगान कभू अपने नइ गावै |
ताप हरे बरखा सबके खुद खातिर बादर हा नइ छावै |
सज्जन के धन लाख लगै परमारथ मा नइ नाम बतावै ||
सुनिल शर्मा'नील'
थान खम्हरिया(छत्तीसगढ़)
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