न धोने ही पड़े कपड़े न कोई डांट खाई है ! सुबह से आज क्यों उसकी सभी को याद आई है ! पढ़ी कुछ भी नही है माँ मगर सबकुछ समझती है, दिखावे के दिवस की आज यह उसको बधाई है !!
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