जीत मिले या कि हार दोनो करे शिरोधार्य
पार्टियों का ऐसा व्यवहार होना चाहिये !
संयम न खोए परिणाम सुनकर कोई
लोकतंत्र नही तार-तार होना चाहिए !
जिम्मेदारी मिली जिसे करे अंगीकार उसे
जनमत प्रेम से स्वीकार होना चाहिए !
न ही कोई हिंसा न द्वेष मेरे भारत में हो
प्रेम का सदा यहाँ प्रचार होना चाहिए !!
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