रविवार, 9 अगस्त 2015
याराना(दोस्ती)क्या है?
याराना(दोस्ती)क्या है?
रिश्ता जो इंसान खुद बनाता है
विश्वास के करीने से सजाता है
आपको कभी गिरने नही देता,
जो जात-पात और भेदों से परा है
खून का रिश्ता नहीं पर इनसे कहीं
बड़ा है|
निस्वार्थ हृदयों में पनपता है
चमक बन चेहरे पे दमकता है
धड़कन बन सीने में धड़कता है
कोई आपको आपसे ज्यादा जानता है
आपके माँ-बाप को आपसे ज्यादा
मानता है|
जो हर बुरे वक़्त में साथ देता है
खुद में दो रूहों का आभास देता है
आपके हिस्से की सजा खुद लेता है
परछाई की तरह साथ-साथ होता है
दूसरे रिश्तों से अलग आपको बन्धन
से मुक्त रखता है|
सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470
रचना-4/08/2015
morepankh.blogspot.com
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