मोर पंख
मंगलवार, 1 मार्च 2022
सवैया-सदाशिव
शीश धरे तुम गंग प्रभो अरु मस्तक सुंदर चंद्र सजाते |
पीयत भंग शिवा गण संग भुजंग गले पर हो
लटकाते |
हार कपाल गले पहिरे तन छाल सुशोभित भस्म रमाते |
पर्वत बैठ धरे डमरू तिरशूल सदाशिव ध्यान लगाते ||
सुनिल शर्मा नील
थान खम्हरिया
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