जिनके प्रताप से मिली है आपको ये सत्ता
उस रामनाम को न आप बिसराइए !
सवा सौ करोड़ लोग आशाओं से देख रहे
विनती है वादे को धरातल पे लाइए !
मन की सदा सुनाने वाले हे प्रधान सुनो
प्रजा से किया हुआ वो वचन निभाइये!
सदियों से बैठे हुए तिरपाल में श्रीराम
अयोध्या में भव्य उनका मंदिर बनाइए !
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