मोर पंख
शनिवार, 16 जनवरी 2021
इरखा(उल्लाला-16)
*इरखा*
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अँगना सबो खड़ाय हे, खड़े हवय दीवाल रे |
रिश्ता नाता मा चढ़त, इरखा के अब जाल रे ||
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सुनिल शर्मा"नील"
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