मोर पंख
सोमवार, 13 अक्टूबर 2025
कहे नील कविराय -2
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सरस्वती वंदना (कुंडलिया 2) सादर वंदन आपकी, करूँ झुकाकर माथ | हे माँ वाणी नील का, नही छोड़ना हाथ || नही छोड़ना हाथ, रचूँ जो भी मैं कविता | सबको...
शनिवार, 11 अक्टूबर 2025
कहे नील कविराय 1
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जय गणेश देवा कहे नील कविराय कुंडलिया 1 वंदन करता दास यह, सुनो नाथ गणराज वर देना इस नील को, पूरन हो सब काज पूरन हो सब काज, विघ्न कोई मत आय...
मंगलवार, 2 सितंबर 2025
बिगड़ा आज समाज
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आंखों का पानी मरा, गई शरम औ लाज | गलती कर कहते युवा, बिगड़ा आज समाज || युवा भ्रमित दिखता मुझे, देखूं जिस भी ओर | कब तम का अवसान हो , कब ...
बुधवार, 28 अगस्त 2024
पापा
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बहुत मन था मुझे बचपन सा गोदी में बिठाते फिर | सबल कंधों में लटकाकर मुझे झूला झूलते फिर | अधूरी अब रहेंगी ये मेरी ख्वाहिश सदा पापा | बहुत मन ...
सोमवार, 26 अगस्त 2024
गोविंद नाम(जन्माष्टमी पर मत्तगयंद छंद)
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अंतस होय उजास करे मन पावन नाम मिटावय जाला | कौन कृपाल कहां इन सा सबके मुख को यह देत निवाला | कर्म प्रधान दिया उपदेश पढ़े जग ग्रंथ महान निर...
नील केजीवन में नया करो
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चक्कर चौरासी के लगाके घनचक्कर हूं चक्रधारी चाकर पे अब तो दया करो विरह के व्याल बार- बार डसते है मुझे वासुदेव मौन क्यों हो कुछ तो बयां करो दृ...
बुधवार, 8 मार्च 2023
वरना न अबकी बार
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देखो मैं होली में न कुछ मलाल करूँगा | रोकर नही मैं खुद का बुरा हाल करूँगा | ली है कसम तेरे ही हाथ से रंगूंगा मैं | वरना न अबकी बार गाल लाल क...
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