मोर पंख
शनिवार, 16 जनवरी 2021
माँसाहार(उल्लाला-14)
*मांसाहार*
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जीव मार के खात हस, होके मानुष जात रे |
का दूसर के दरद हा, तोला नहीं जनात रे ||
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सुनिल शर्मा
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