मोर पंख
शनिवार, 16 जनवरी 2021
विवेकानंद(उल्लाला-9)
*विवेकानंद*
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गीत गजल मुक्तक सजल, युवा बनव सब छंद कस |
देश नवा गढ़ना हवय, बनव विवेकानंद कस ||
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सुनिल शर्मा
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