मोर पंख
शनिवार, 16 जनवरी 2021
इंसान(उल्लाला 7)
*इंसान*
●●●●
सबके अंतस भीतरी, देखय जे भगवान रे |
ओला तैं हर जान ले, सिरतो मा इन्सान रे ||
●●●●
सुनिल शर्मा"नील"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें