बुधवार, 27 जनवरी 2016

पंजाब केसरी के जयंती पर

आज शहीद लाला लाजपत राय जी की जयंती पर कुछ पंक्तियाँ उन्हें समर्पित है............
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जिनके ओजस्वी वाणी से दिशा राष्ट्र ने
पाया था
राजगुरु,भगत,आजाद ने जिनका यश
गाया था
अंत समय आया तो मुख से वन्दे मातरम्
बोल गया
नमन "केसरी"को जो जनमानस में 'क्रांति'
घोल गया|
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
28/01/2016
copyright

जख्मी दिल में

जख्मी है दिल
💔💔💔💔💔💔💔
जख्मी है दिल पैबन्द
लगा दे कोई
हवाएँ बेवफाई की रूह
कंपा रही है। 
💔💔💔💔💔💔💔💔
सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
28/01/2016
CR

शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

कहना इंसान था

🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
मर भी जाऊँ ठिठुरकर तो कहना जात से इंसान था
कुछ और कहा तो सियासी कौवें झूमेंगे फायदे के लिए|
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
23/01/2016
CR

कहना "हिन्दुस्तानी" था

🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
मर जाऊँ रात ठिठुरकर
तो कहना "हिन्दुस्तानी"था
नोच खाएंगे सियासी कौवें
वरना फायदे के लिए |
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
23/01/2016
CR

सोमवार, 18 जनवरी 2016

नवा बछर म आस

पावन होय नवा बछर,इही मोर हे आस
आवय घर सबके खुसी,होए दुख के नाश

लूटगे पाछू बछर म ,कतको माँ के लाल
बैरी आतंकवाद ह,बनगीस उखर काल

रोवाइस हे गोंदली',हवय रिसाए 'दार'
ए बछर महंगई ले, हो जातिस उदधार

घुरगीस हवा मे जहर,अउ समाज मे फूट
कलपत रीगे निर्भया,गिस अपराधी छूट

अभिनेता के बोलीे ह,आगी दीस लगाय
गउचारा के खवइया,जीत अबड़ इतराय

हलधर रोत धर माथा,फाँसी मे झुलजात
देख के उखर हाल ला,करेजा ह जरजात

होवय झन कभू अइसन,रख बेटा के बात
नवा बछर के कामना,रखबे भोला हाथ

जुरमिलके सबे राहय,मया बगरए झार
दुख के भुइंया ल फोर ,फूटय सुखके धार|

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
19/01/2016 CR

नवा बछर म आस

🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
पावन होय नवा बछर,इही मोर हे आस
आय घर सबके खुसी,होय दुख के नाश

लूटगे पाछू बछर म ,कतको माँ के लाल
बैरी आतंकवाद ह,बनगीस उखर काल

रोवाइस हे गोंदली',हवय रिसाए 'दार'
ए बछर महंगई ले, हो जातिस उदधार

घुरगीस हवा म जहर,परगे समाज म फूट
कलपत रीगे निर्भया,गिस अपराधी छूट

अभिनेता के बोलीे ह,आगी दीस लगाय
गउचारा के खवइया,जीत अबड़ इतराय

हलधर के हाल बुरा,फाँसी म झुलजात
देख के उखर हाल ला,करेजा ह जरजात

होवय झन कभू अइसन,रख बेटा के बात
नवा बछर के कामना,रखबे भोला हाथ

जुरमिलके सब रहय,मया बगरय झार
भुइया दुख के फोर ,फुटही सुख धार|
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
18/01/2016
CR
(ये कविता copyright है बिना अनुमति के प्रकाशन या इसका उपयोग कानूनी गलत है)

नवा बछर म आस

🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃
पावन होय नवा बछर,इही मोर हे आस
आय घर सबके खुसी,होय दुख के नाश

लूटगे पाछू बछर म ,कतको माँ के लाल
बैरी आतंकवाद ह,बनगीस उखर काल

रोवाइस हे गोंदली',हवय रिसाए 'दार'
ए बछर महंगई ले, हो जातिस उदधार

घुरगीस हवा म जहर,परगे समाज म फूट
कलपत रीगे निर्भया,गिस अपराधी छूट

अभिनेता के बोलीे ह,आगी दीस लगाय
गउचारा के खवइया,जीत अबड़ इतराय

हलधर के हाल बुरा,फाँसी म झुलजात
देख के उखर हाल ला,करेजा ह जरजात

होवय झन कभू अइसन,रख बेटा के बात
नवा बछर के कामना,रखबे भोला हाथ

जुरमिलके सब रहय,मया बगरय झार
भुइया दुख के फोर ,फुटही सुख धार|
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
18/01/2016
CR
(ये कविता copyright है बिना अनुमति के प्रकाशन या इसका उपयोग कानूनी गलत है)

रविवार, 17 जनवरी 2016

छंद के छ(छन्दविद अरुण निगम जी के अनुसार)

छन्द के छ की कक्षा (छन्दविद अरुण निगम जी के अनुसार) मात्रा गणना के सम्बन्ध में कुछ और बातें ऋ की मात्रा लघु याने 1 होती है । चन्द्रबिन्दु जब किसी स्वर या व्यंजन में लगा हो तो मात्रा लघु अर्थात् 1 होती है। हँस 1+1 फँस 1+1 किन्तु अम की मात्रा किसी भी स्वर या व्यंजन को दीर्घ बना देती है जैसे हंस 2+1 कंस 2+1 लघु और दीर्घ कुछ नहीं बल्कि किसी स्वर या व्यंजन के उच्चारण में लगने वाले समय को इंगित करते हैं । लघु के उच्चारण में समझ लो एक चुटकी बजाने जितना समय लगता है और दीर्घ के उच्चारण में लघु से दुगुना समय लगता है । अ के उच्चारण में जितना समय लगता है उससे दूना समय आ के उच्चारण में लगता है। इसीलिए अ लघु है और आ दीर्घ इसी प्रकार अन्य स्वर और व्यंजन उनके उच्चारण के समय के अनुसार लघु और दीर्घ होते हैं। पुनः याद दिला देता हूँ कि अ, इ , उ, ऋ और चन्द्रबिन्दु की मात्रा से बने शब्द लघु होते हैं । कमल 1+1+1 कमाल 1+2+1 कमला 1+1+2 न, म, ङ, ञ , ण अनुस्वार हैं। इनका उच्चारण नाक के प्रयोग से ही होता है। जब ये किसी स्वर या व्यंजन में लगे होते हैं तो उस स्वर या व्यंजन को दीर्घ बना देते हैं । रंग 2+1 संत 2+1 ठंड 2+1 अंब 2+1 पंच 2+1 अब इन्हीं शब्दों को विभक्त रूप में देखें र ङ ग 2+1 स न् त 2+1 ठ ण ड 2+1(यहाँ ण को आधा मानिए क्योंकि की बोर्ड में आधा ण टाइप नहीं हो पा रहा है ) अ म् ब 2+1 प ञ च (यहाँ भी ञ को आधा समझें) नियम वही है जो पहले आपको बताया था। आधा अक्षर अपने पहले वाले अक्षर को दीर्घ बना देता है। आशा करता हूँ कि मात्रा गणना में अब किसी प्रकार का संदेह नहीं रहेगा। शहर छीन कर ले गया, अधरों की मुस्कान उत्सव होते थे वहाँ,पसरा है वीरान यत्र तत्र सर्वत्र है, जहरीला –सा धूम्र सभी घटाते हैं यहाँ, नित्य परस्पर उम्र उगी कँटीली झाड़ियाँ, छाँव हो गई बाँझ धूप नगाड़े पीटती,पवन बजाती झाँझ डामर भी कम हो गया,अब पिघलेगा कौन पगडण्डी के प्रश्न पर, नई सड़किया मौन सुविधा के आगोश में, सिमटे लोग तमाम शहर जान पाया नहीं, सुख है किसका नाम फुरसत फुर से उड़ गई, जीवन भागमभाग कितने ही सम्भाग में, बँटा आज अनुराग जीवन के कंदील का, चटक गया है काँच बाती बाकी ना रही, देखा जब से साँच।। संयुक्ताक्षर में मात्रा गणना भ्रम = भ्र + म = लघु + लघु = १ + 1= २ अभ्रक = अभ् + र + क = दीर्घ + लघु+ लघु= २ + १ + 1 = ४ क्रम = क्र + म = लघु + लघु = १ + १ = २ वक्र = वक् + र = दीर्घ + लघु = २ + १ = ३ प्रलय = प्र + ल + य = लघु+ लघु + लघु = १ + १ + १ = ३ विप्र = विप् + र = दीर्घ +लघु = २ + १ = ३

शनिवार, 16 जनवरी 2016

बचपन फना हो जाता है

"बचपन फना हो जाता है"
🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣
आलम-ए-गरीबी में वक़्त से पहले बड़ा
हो जाता है
बचाने बचपन को यहाँ बचपन फना
हो जाता है|
🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣🐣
सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
17/01/2016

शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

विवेकानंद जी पर

भारतीय संस्कृति का अखिल विश्व में परचम जिसने लहराया ईश्वर बसते सेवा में दीनों-रुग्णों के दिखलाया कोटी नमन है उस "विवेक" को पर्याय बने जो भारत के राष्ट्रप्रेम का महामंत्र जनमानस को जिसने बतलाया" सुनिल शर्मा "नील" थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.) 7828927284

रविवार, 10 जनवरी 2016

तुम्हारे लिए

           तुम्हारे लिए
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
कुछ सुबह ,कुछ शाम रखे थे
कुछ खास , कुछ आम रखे
कुछ साज,कुछ नगमे रखे थे
कुछ राज ,कुछ एहसास रखे थे
तुम्हारे लिए............
कुछ नींदे ,कुछ सपने रखे थे
कुछ शरारतें,शिकायतें रखे थे
कुछ आँसू,कुछ मुस्कान रखे थे
कुछ वादे,कुछ इरादें रखे थे
तुम्हारे लिए.............
कुछ ग़ज़ल ,कुछ अल्फाज रखे थे
कुछ फिक्र,चाहत के इत्र रखे थे
कुछ धड़कन ,कुछ तड़पन रखे थे
कुछ जवाब ,बहुत से सवाल रखे थे
तुम्हारे लिए................
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
📝सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
09/01/2015
CR

शुक्रवार, 8 जनवरी 2016

न दो दर्द इतना

             न दो दर्द इतना
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
न दो दर्द इतना भी कि एहसास
भूल जाऊँ
जिंदा हूँ जिस वजह से वह प्यास
भूल जाऊँ
परे होकर देह से मिल जाउँ इन
हवाओं में
पास होकर भी तुझे कभी नजर न
आ पाऊँ|
💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔💔
📝 सुनिल शर्मा "नील"
     थान खम्हरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
      7828927284
      08/01/2016
      CR

गुरुवार, 7 जनवरी 2016

छत्तीसगढ़ी खानपान के परमुख अंग "भाजी"

हमर छत्तीसगढ़ के पावन भुइया ह जम्मों जिनिस म पोठ हे|इहा संस्कीरति,भाखा,मनखे के सीधवापन अउ ,खान-पान के सेती दुनियाभर म एखर एक बिसेस पहिचान हे|बात छत्तीसगढ़ी खानपान के करे जाय त भाजी बिन गोठ पूरा नई हो सकय|छत्तीसगढ़ी खानपान के परमुख अंग हरय "भाजी"|अलग-अलग पत्ता जेन साग रूप म चुरो के खाय जाथे "भाजी"कहाथे|जतका परकार के भाजी हमर छत्तीसगढ़ म खाय जाथे सायदे दुनिया के दूसर जघा म खाय जात होही|जब घर म कोनो साग नईहे त घर पाछू के नानकुन बखरी(बारी) ले ताजा भाजी टोर के साग बना ले जाथे|ये नानकुन बखरी म आनी-बानी के खाय के पुरती भाजी बोवाय रहीथे|इही कारन हे कि छत्तीसगढ़ के लगभग हर घर म बारी-बखरी देखे बर मिलथे|बारी-बखरी हमर संस्कीरति अउ गांव-गवइ के जनजीवन के परमुख अंग हरय| जेन मनखे एक बेर भाजी के सुवाद ले डरीस तउन एखर सुवाद ल जिनगी भर नइ भूला सकय|छत्तीसगढ़ म आनी-बानी के भाजी(पत्तादार सब्जी)बनाय अउ खाय जाथे जेमा परमुख रूप म पालक,लालभाजी,मेथी,चौलई,भथुआ,चेंच,अमारी,पटवा,चनौरी,तिवरा,बोहार,जरी(खेड़हा जेखर जम्मों भाग ल खाय जाथे),मुरइ,तिनपनिया,चुनचुनिया, करमता अउ बर्रा भाजी(अइसन भाजी जेन म एक ले जादा भाजी मिंझरा रहीथे) मन परमुख हे|एखर अलावा घर के तीर तखार म मिलइया भाजी जइसे चरोटा भाजी,खोटली भाजी ,मुनगा भाजी अउ नार वाले भाजी(जइसे पोइ,कोहड़ा,कांदा भाजी) घलो बड़ा सुवाद अउ चांव से खाय जाथे|अतके भाजी नही लगभग हजारठन भाजी  हवय जेला भोजन रूप म खाय जाथे|मही(खट्टा),रसावाले,दार डारके,बेसन डारके अलग अलग ढंग ले भाजी मन ल पकाय जाथे|कोंचइ के पत्ता ले जब इढ़र कड़ही बनाय जथे त पारा भर ममहा जथे|कईठन भाजी ल घाम म सुखोय जाथे अइसन भाजी "सुकसा"कहाथे जउन बछरभर काम आथे| भाजी जब बनथे तब परोसी ह ममहइ ल जानके एक कटोरी साग मांगे बर नई लजावय|अइसन साग अउ भाजी के लेवइ-देवइ हमर आपसी मया-परेंम ल बढ़ाथे|कतको कांदा,फल अउ दूसर भाग घलो साग बना के खाय जाथे|

"भाजी हरय प्रोटीन अउ बिटामिन के स्रोत" भाजी ह प्रोटीन,बिटामिन,खनिज लवन के परमुख स्रोत हरय|एखर औसधिय महत्व घलो हे|मउसम अनसार एखर भोजन ह मनखे ल सुवस्थ,निरोगअउ पुस्ट बनाथे|रोग ले लड़े के क्षमता भाजी ले मिलथे|भाजी सस्ता अउ सुलभ होय के सेती डॉक्टरमन घलो मरीज ल भाजी खाय बर सलाह देथे|मनखे ल जादा से जादा भाजी के सेवन अपन भोजन म करना चाही|एखर सेवन मनखे ल निरोगी अउ सरीरीक अउ मानसिक रूप म ताकतवर बनाथे|

"होना चाही छत्तीसगढ़ म भाजी के दस्तावेजीकरन"
इतिहासकार अउ छत्तीसगढ़ के प्रमुख बिद्वान ललित शर्मा जी के अनसार छत्तीसगढ़ के बस्तर ले लेके सरगुजा अंचल तक जम्मों छत्तीसगढ़ म भाजी खानपान के परमुख अंग आवय|छत्तिसगढ़ म कम से कम हजारठन भाजी खाय जात होही जेखर दस्तवेजीकरन होना चाही|गायब होवत जात भाजी मन ऊपर सोध के छात्र मन ल घलो सोध करना चाही ताकि पूरा दुनिया म छत्तीसगढ़ के खानपान के परचार हो सकय|

"भाजी के आध्यात्मिक अउ सांस्कृतिक महत्व" भाजी के वैज्ञानिक के संगेसंग आध्यात्मिक महत्व घलो अड़बड़ हे|हमर छत्तीसगढ़ म कमरछठ(लइका के लंबा उमर बर दाइ मन के एक उपास)म दाइ मन उपास ल टोरे के बेर फरहार म छय परकार के भाजी ल मिलाके ओखर साग ल पसहर भात संग खाथे|बिहाव म घलो सारीमन करा ले भाटो ल भाजी खवाय के परम्परा हे|अतके नही तुलसी पूजा(देवउठनी अकादसी)के दिन भगवान म मौसमी भाजी(जइसे चना भाजी)अउ फलफूल चढ़ाय जाथे|भाजी के बड़ई बर सियान मन केहे हे-

"तोर हाथ के भाजी दाइ गांव भर म
ममहाथे
जाने काय अमरित हे एमा मोला अब्बड़
मिठाथे"
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सुनिल शर्मा"नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
07/01/2016 CR

मंगलवार, 5 जनवरी 2016

कब तक(मुक्तक)

"""कब तक"""
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
कब तक सपूत भारत माँ के यूँ ही
खून बहाएँगे
और हम राग शांति का ले दुश्मन
से हाथ मिलायेंगे
हर जुबान पे एक सवाल जिनका
अपना शहीद हुआ
कब तक खंजर धोखों के यूँ पीठ
पे घोंपे जाएँगे|
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
05/01/2015
Copyright

सोमवार, 4 जनवरी 2016

कब तक(मुक्तक)

"""कब तक"""
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
कब तक सपूत भारत माँ के यूँ ही
खून बहाएँगे
और हम राग शांति का ले दुश्मन
से हाथ मिलायेंगे
हर जुबान पे एक सवाल जिनका
अपना शहीद हुआ
अंधेरो से लड़कर कब तक जुगनू
अपनी जान गवाएँगे|
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
(कब तक इस लंगड़े घटिया सिस्टम और दोस्ती की नामुमकीन आस में हमारे सपूत मरते रहेंगे...अब बहुत हुआ)
सुनिल शर्मा "नील"
थान खम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
04/01/2015
CR

अंग्रेजी नववर्ष पर एक कामना....

अंग्रेजी नववर्ष पर एक
कामना.......
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"गिले-शिकवे सारे भुलाकर
सारी कड़वी यादें मिटाकर
आओ परस्पर गले मिलते है
दिलो की दीवारें ढहाकर"
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सुनिल शर्मा "नील"
थानखम्हरिया,बेमेतरा
7828927284
01 जनवरी 2016
CR